यदि गर्भावस्था के समय रक्त-स्राव होता है तो ये अवस्था माँ और बच्चे दोनों के लिए ही खतरनाक होता है!
अगर किसी गर्भवती स्त्री को गर्भावस्था के पहले 6 महीनो में रक्त-स्राव होता है तो इसका प्रमुख कारण गर्भपात हो सकता है, और यदि रक्तस्राव 7वें महीने के बाद होता है तो इसके 2 कारण हो सकते है!
पहले है आँवल का ठीक जगह पर नहीं होना या समय से पहले अलग होने की स्थिति!
यदि प्रसव से पहले रक्त-स्राव होता है तो ये माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द चिकित्सीय मदद मिलना बहूत जरूरी है जिससे की स्थिति को जल्द ही संभाला जा सके अन्यथा मौत भी हो सकती है!
इसमें से केवल कुछ ही महिलाओं की योनि से रक्त निकलता है! ये समाया होने पर बच्चे को जल्दी बचाना जरूरी होता है अन्यथा गर्भ में ही बच्चे को खतरा हो सकता है और इसमे माँ ही जान को भी खतरा होता है!
इसलिए जरूरी है की किसी अच्छे से अस्पताल में जल्द से जल्द दिखाया जाये! गर्भवती स्त्री को यदि प्रसवपूर्व रक्तस्राव होता है तो प्रसव के बाद भी रक्त स्राव होने का खतरा होता है!
इस अवस्था में किसी भी प्रकार की आन्तरिक जाँच नहीं करनी चाहिए! क्योंकि इससे आंवल को नुक्सान पहुच सकता है! क्योंकि इस अवस्था में आंवल पहले ही अलग हो जाती है और उसके बाद बच्चा जन्म लेता है! इस वजह से समयपूर्व बच्चा जन्म ले सकता है इसमे बच्चे को खतरा भी होता है!
इस अवस्था में पूर्ण स्थिति के बारे में केवल अल्ट्रासोनोग्राफी से ही पता चल सकता है! यदि महिला पहली बार शिशु को जन्म देने जा रही है तो बच्चे का सर आखिरी के 2 हफ्तों में श्रोणी में पहुचता है! आंवल की ऐसी अवस्था होने के कारण शिशु के सर श्रोणी में आने में कठिनाई आती है! अगर ऐसी समस्या आती है तो जल्द से जल्द स्थिति जानने के लिए सोनोग्राफी टेस्ट और पूर्ण देखभाल की जरूरत होती है जो अच्छे अस्पताल में आसानी से हो जाती है!
अगर किसी गर्भवती स्त्री को गर्भावस्था के पहले 6 महीनो में रक्त-स्राव होता है तो इसका प्रमुख कारण गर्भपात हो सकता है, और यदि रक्तस्राव 7वें महीने के बाद होता है तो इसके 2 कारण हो सकते है!
पहले है आँवल का ठीक जगह पर नहीं होना या समय से पहले अलग होने की स्थिति!
यदि प्रसव से पहले रक्त-स्राव होता है तो ये माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द चिकित्सीय मदद मिलना बहूत जरूरी है जिससे की स्थिति को जल्द ही संभाला जा सके अन्यथा मौत भी हो सकती है!
दूसरी और ख़ास वजह आँवल का असमय खिसकना
इस अवस्था में आँवल अपनी सामान्य जगह पर ही होती है! लेकिन अचानक किसी वजह से अलग हो जाती है! ये समस्या गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओ को उच्च रक्तचाप होता है उनमे अधिक देखा गया है और कई बार पेट में कोई गंभीर चोट लगने के कारण भी ऐसा हो जाता है और दर्द के साथ योनी से रक्त-स्राव होने लगता है! रक्त स्स्राव कम या ज्यादा हो सकता है!इसमें से केवल कुछ ही महिलाओं की योनि से रक्त निकलता है! ये समाया होने पर बच्चे को जल्दी बचाना जरूरी होता है अन्यथा गर्भ में ही बच्चे को खतरा हो सकता है और इसमे माँ ही जान को भी खतरा होता है!
इसलिए जरूरी है की किसी अच्छे से अस्पताल में जल्द से जल्द दिखाया जाये! गर्भवती स्त्री को यदि प्रसवपूर्व रक्तस्राव होता है तो प्रसव के बाद भी रक्त स्राव होने का खतरा होता है!
गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव का कारण - Reason of Pregnancy Bleeding
प्रसव से पहले रक्त-स्राव होने के 2 प्रमुख कारणों में पहला है गर्भाशय द्वार पर आंवल का होना! सामान्य तौर पर आंवल गर्भाशय के उपरी भाग में होता है और बच्चा नीचे की तरफ होता है! जिससे बच्चा जन्म के समय पहले बाहर आता है लेकिन ऐसी अवस्था में निचले छोर पर जन्म राह पर होती है! इसलिए ये स्थिति दर्द रहित होती है और अचानक रक्त-स्राव होने लगता है!इस अवस्था में किसी भी प्रकार की आन्तरिक जाँच नहीं करनी चाहिए! क्योंकि इससे आंवल को नुक्सान पहुच सकता है! क्योंकि इस अवस्था में आंवल पहले ही अलग हो जाती है और उसके बाद बच्चा जन्म लेता है! इस वजह से समयपूर्व बच्चा जन्म ले सकता है इसमे बच्चे को खतरा भी होता है!
इस अवस्था में पूर्ण स्थिति के बारे में केवल अल्ट्रासोनोग्राफी से ही पता चल सकता है! यदि महिला पहली बार शिशु को जन्म देने जा रही है तो बच्चे का सर आखिरी के 2 हफ्तों में श्रोणी में पहुचता है! आंवल की ऐसी अवस्था होने के कारण शिशु के सर श्रोणी में आने में कठिनाई आती है! अगर ऐसी समस्या आती है तो जल्द से जल्द स्थिति जानने के लिए सोनोग्राफी टेस्ट और पूर्ण देखभाल की जरूरत होती है जो अच्छे अस्पताल में आसानी से हो जाती है!
गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव का कारण Reason of Pregnancy Bleeding
Reviewed by Gharelu Nuskhe With Ik
on
October 21, 2018
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